बैंक ग्राहक हैं तो जरूर जानें, Loan से लेकर चेक काटने तक बदल गए सारे नियम
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Thu, Aug 06, 2020 04:44 PM IST
RBI ने गुरुवार को Monetary पॉलिसी की बैठक के बाद प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. लेकिन Gold Loan ग्राहकों के लिए रियायत दी है. Gold लोन के ग्राहकों को बैंक अब 90% तक लोन ऑफर कर पाएंगे. साथ ही, अब स्टार्टअप को भी प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग में शामिल किया जाएगा. यही नहीं फेल डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजोल्यूशन फोरम बनेगा.
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गोल्ड ज्वेलरी पर ज्यादा लोन
बैंकों से गोल्ड और ज्वेलरी पर लोन लेने पर ज्यादा रकम मिलेगी. अब तक गोल्ड ज्वेलरी की वैल्यू के 75% तक ही अधिकतम लोन मिलता है. लेकिन अब ग्राहकों को गोल्ड वैल्यू के 90% तक बैंकों से लोन मिलेगा. यह रियायत मार्च 2021 तक रहेगी, उसके बाद फिर 75% रकम मिलेगी. कोरोना संकट में लोगों को राहत मिले इसलिए ये रियायत दी गई है.
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प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग का दायरा बढ़ेगा
अब स्टार्टअप को भी Priority सेक्टर लेंडिंग में शामिल किया जाएगा. जो स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं उन्हें बैंक लोन देने में उत्साह दिखाएंगे. रीन्युएबल एनर्जी के लिए लोन भी priority सेक्टर लेंडिंग में शामिल होंगे कमज़ोर आय वर्ग के लोग, छोटे और सीमांत किसानों को लोन मिलने में मदद होगी. priority सेक्टर लेंडिंग में हर बैंक के लोन बुक का एक हिस्सा तय होता है. बैंक टारगेट नहीं पूरा कर पाते तो उन्हें कम ब्याज वाले बॉन्ड में निवेश करना पड़ता है.
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डिजिटल पेमेंट के लिए ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजोल्यूशन
डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital transaction) जो फेल हुए उनके लिए ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजोल्यूशन. नियमों पर आधारित व्यवस्था बनानी होगी, जिसमें कोई इंसानी दखल न हो. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से जुड़े विवाद को निपटारे के लिए ये नया उपाय होगा. सारे पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर अपने-अपने ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजोल्यूशन शुरू करेंगे. अभी डिजिटल पेमेंट्स के निपटारे के लिए डिजिटल ओम्बड्समैन (Ombudsman) की व्यवस्था है RBI में ये नई प्रस्तावित व्यवस्था हर पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर को अपने यहां शुरू करनी होगी.
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रीटेल ऑफलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा
ऐसी व्यवस्था होगी जिसमें बिना इंटरनेट या कम स्पीड नेट में भी ट्रांजैक्शन. ग्रामीण इलाकों के लिए ये व्यवस्था कारगर होगी जहां कम इंटरनेट स्पीड. उदाहरण के तौर पर मेट्रो ट्रेनों के टिकट कार्ड की तरह ट्रांजैक्शन संभव होगा. प्रस्तावित व्यवस्था में कार्ड, वॉलेट और मोबाइल डिवाइस से पेमेंट संभव होगा. पायलट प्रोजेक्ट में कम वैल्यू के ट्रांजैक्शंस को मंजूरी होगी, सेफ्टी के पूरे इंतज़ाम.
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